अब मेरी आखों एकदम से चमक उठी, क्योंकि एक हॉट सेक्सी कुंवारी लड़की हॉस्टल में अकेली रहेगी और वो रिश्ते में मेरी साली लगती है और वो दिखने में कोई बुरी भी नहीं है, लेकिन वो चुदाई करने के लिए एकदम ठीक ठाक माल थी। दोस्तों उस दिन से मैंने उस पर डोरे डालने शुरू कर दिए थे और हम दोनों पति पत्नी शुरू के दिनों में उन दोनों भाई बहन के साथ बहुत बार इधर उधर बाहर घूमे और उनको बहुत कुछ दिखाया, जिससे वो हमारे साथ खुश रहने लगे, लेकिन कुछ दिनों बाद एक दिन वो लड़का हमको दोनों पति पत्नी को उस लड़की की पूरी ज़िम्मेदारी देकर अपने घर पर वापस चला गया। तब तक वो लड़की भी हमारे उसकी मदद करने पर एक कमरे में रहने लगी। हम दोनों मेरी पत्नी और में कभी कभी जाकर उसके कमरे में उसके हालचाल पूछ लिया करते थे। वो एक और दूसरी लड़की के साथ एक ही कमरे में रह रही थी। वो लड़की भी एक ही जगह की रहने वाली थी, लेकिन हम दोनों पति पत्नी उस लड़की को पहले से नहीं जानते थे। हमारी उस लड़की से बातचीत मेरी साली ने ही शुरू करवाई और वो लड़की भी दिखने में बहुत मस्त पटाका थी, जिसको देखकर हर किसी का लंड पानी छोड़ दे और इस बीच ही मेरी साली और में एक दूसरे से बहुत खुल गये थे। हम दोनों जीजा साली एक दूसरे से बहुत ज्यादा हंसी मजाक और सभी तरह की बातें भी करने लगे थे और में बहुत सी बार उसका सही मूड देखकर उससे दो मतलब की बातें भी किया करता था, जिसका वो मतलब बहुत जल्दी समझकर मेरी तरफ मुस्कुरा देती थी। दोस्तों हमारी बातें अब मेरे ऑफिस के फोन पर भी हर कभी होती थी और जब भी मेरा दिल करता तो में उससे मिलने चला जाता, लेकिन मेरे मन में हमेशा बस एक ही ख्याल रहता था कि उसको कैसे चोदा जाए? मेरा दिल हमेशा उसके लिए बड़ा बेकरार था, लेकिन मुझे तो उसको बस एक बार चोदना था, लेकिन मुझे ऐसा कोई सही मौका नहीं मिल रहा था जिसका में फायदा उठाकर उसकी चुदाई कर दूँ। में दिन भर उसी के बारे में सोचता रहता था। एक दिन मैंने अपने ऑफिस से छुट्टी होने के बाद अपने कुछ दोस्तों के साथ बैठकर शराब पी और फिर जब में अपने घर पर जाने लगा। तब अचानक से मेरा स्कूटर उसके हॉस्टल की तरफ घूम गया और में उसके कमरे पर चला गया। तो वो मुझे इस हालत में देखकर मुस्कराने लगी और फिर में उसके कमरे के अंदर चला गया, लेकिन तब मैंने देखा कि वो उस समय अपने कमरे में बिल्कुल अकेली है। फिर मैंने उससे पूछ लिया कि तुम्हारी वो सहेली कहाँ गई है? तो वो मेरी बात को टाल गई और उसने कोई भी जवाब नहीं दिया, लेकिन मेरे बहुत बार वही बात पूछने के बाद उसने मुझे बताया कि वो अपने बॉयफ्रेंड के साथ रोजाना रात को कहीं जाती है और वो देर रात में वापस कमरे में आ जाती है और कभी कभी तो वो आती ही नहीं है। दोस्तों में उसकी बातों से तुरंत समझ गया कि यह उसके घूमने फिरने से बहुत ज्यादा जलती है, क्योंकि वो तो रात रातभर अपने बॉयफ्रेंड के साथ रंग रंगीलीयां मनाती है और वो कुछ नहीं कर पा रही थी। अब में झट से यह बात भी समझ गया था कि वो मुझे हर कभी फोन भी क्यों किया करती है? फिर मैंने उससे पूछा क्यों वो अभी तो नहीं आ जाएगी? तब वो बोली कि नहीं जीजाजी वो रात को दस बजे से पहले नहीं आ सकती और उस समय रात के 8:30 का समय हो गया था। दोस्तों अब मैंने मन ही मन में पक्का ठान लिया था कि आज मुझे कैसे भी करके उसको जरुर चोदना है। अब वो उठकर खड़ी हुई और मुझसे कहने लगी कि जीजा जी आप बैठिए में आपके लिए चाय बनाकर अभी लाती हूँ, लेकिन तभी मैंने उसको रोककर उसका एक गोरा मुलायम हाथ पकड़ लिया और फिर उसको एक झटका देकर मैंने अपनी छाती से चिपका लिया। वो एकदम से बहुत डर गई और मेरी बाहों में आकर छटपटाने लगी और वो मुझसे कहने लगी कि प्लीज आप यह क्या कर रहे है, प्लीज छोड़ दीजिए मुझे, हमें मेरी मकान मालकिन देख लेगी, लेकिन मैंने उससे कहा कि यहाँ पर कोई नहीं आएगा, क्योंकि मुझे आते समय मकान मालकिन ने नहीं देखा।
अब में उसके माथे को चूमने लगा और उसके गाल को चूमने लगा। फिर मैंने उसके कान को थोड़ा सा काट दिया और चूसने लगा, वो दर्द की वजह से ज़ोर से चिल्लाई, लेकिन कुछ देर बाद सब कुछ पहले जैसा हो गया। अब में उसके बूब्स को दबा रहा था और सहला रहा था। वो धीरे धीरे गरम होने लगी थी जिसकी वजह से अब उसकी वो पकड़ थोड़ी ढीली हो गई थी और उसका वो विरोध भी अब धीरे धीरे कम होने लगा था, वो थोड़ी मस्त होने लगी थी। फिर भी वो मुझसे कहती रही कि जीजाजी यह सब बहुत ग़लत है प्लीज आप मुझे अब छोड़ दो, लेकिन में अब कहाँ मानने वाला था? में लगातार अपना काम करता रहा तो मैंने उसको बिस्तर पर बैठा दिया और में उसके पास में बैठ गया। अब वो फिर भी ना नुकर करती रही, लेकिन में उसके बूब्स को मसल रहा था और उसके निप्पल को कपड़ो के बाहर से ही पकड़ रहा था और उनको मसल रहा था। अब मुझे उसकी तरफ से भी थोड़ा सा साथ मिलने लगा। अब वो भी मेरे साथ साथ बड़ी मस्त होने लगी थी। फिर मैंने सबसे पहले उसके कमरे की सभी खिड़कियों को बंद कर दिया और में उसकी कमीज के अंदर अपना एक हाथ डालकर उसके बूब्स को दबाना लगा, लेकिन वो अब भी बिल्कुल भी तैयार नहीं हो रही थी, लेकिन मैंने ज़ोर ज़बरदस्ती करके उसके बूब्स को अंदर से पकड़ लिया और में उनको सहलाने लगा। फिर मैंने महसूस किया कि वो बहुत बड़े आकार के मुलायम थे। फिर मैंने सही मौका देखकर धीरे धीरे करके उसकी ब्रा के हुक को खोल दिए, लेकिन अब वो थी कि मुझे अपनी कमीज़ ही नहीं उतारने दे रही थी। वो मुझसे कह रही थी कि आप बस करो मेरी मालकिन आ जाएगी, लेकिन मैंने उसको बहुत बार समझाया कि यहाँ पर इस समय कोई भी नहीं आएगा और में उसके बूब्स को सहला रहा था। अब वो भी अब जोश में आकर मेरे साथ साथ मज़े ले रही थी, लेकिन दोस्तों लड़कियाँ पहली बार में एकदम से पूरी तरह से खुलती नहीं है यह मेरा बड़ा पुराना अनुभव था, इसलिए में उसके लाख बार मना करने पर भी उसके बूब्स को सहलाता रहा। अब वो थी कि मान ही नहीं रही थी। अब में आगे बढ़ते हुए अपने एक हाथ से उसकी चूत को कपड़ो के ऊपर से ही मसल रहा था, जिसकी वजह से वो हिलकर अब कभी अपनी चूत को बचा रही थी और कभी अपने बूब्स को, लेकिन मुझे उसके साथ मज़ा बहुत आ रहा था। दोस्तों ये कहानी आप hindisexstories39.weebly.Com पर पड़ रहे है।