मैं भी मजे से राहुल को चूमते ही जा रही थी। राहुल भी मुझे पागलों की तरह कभी गाल पर तो कभी होंठ तो कभी गले पर चूमता ही जा रहा था। मेने कुछ देर बाद फिर अनजान बनकर राहुल को धक्का देते हुए कहा कि “हमे यह सब अभी नही करना चाहिए”। लेकिन राहुल पर तो जैसे भूत सवार था, वो मुझे किसी शर्त पर छोड़ना ही नही चाहता था। मैं भी यही चाहती कि वो आज जी भर के मेरी चुदने की प्यास को बुझा दे। राहुल उस दिन किसी जानवर की तरफ बर्ताव कर रहा था। उसने जल्दी-जल्दी में मेरी ड्रेस को उतारने के कारण ड्रेस को भी हल्का सा फाड़ दिया था। कुछ देर बाद ही राहुल ने मुझे उठाया और एक टेबल पर जाकर लेटा दिया था। राहुल ने जोर से खींच कर मेरी पेंटी को भी पहाड़ दिया था। मुझे पता चला गया था कि राहुल भी कब से मुझे चौदने के लिए बेताब है और अब शायद में बहुत बुरी तरह से चुदने वाली थी।
मैं पहली बार किसी के साथ चुदाई करने वाली थी, इसलिए मुझे काफी मजा भी आ रहा था। राहुल ने मुझे टेबल पर लेटा कर मेरे योनि के बीज को चाटना शुरू कर दिया था। मैं पहली बार इतना अच्छा अनुभव कर रही थी, ओर खुद को तेजी से उत्तेजित होता भी महसूस कर रही थी। राहुल अब ओर इंतजार नही कर पा रहा था। उसने तुरंत ही अपना लम्बा चौड़ा 7 इंच का ओजार बाहर निकाल ओर मेरी योनि में डालने के लिए उसे हिलाता हुआ तैयार करने लगा। राहुल ने पहले अपने लंड को बड़ा करते हुए उसे पहले मेरी योनि की दीवार पर रखा और फिर मेरी कमर को पकड़ते हुए एक ही झटके में उसके ओजार मेरी चुत के अंदर डाल दिया था। उस जोरदार झटके से मुझे तेज दर्द के कारण चीख ही निकल गयी थी। इसके बाद ही राहुल धीरे-धीरे अपने लंड को मेरी चुत के अंदर बाहर करते हुए मुझे चौदने लग गया था। कुछ देर तक चुदने के बाद मुझे भी अब काफी मजा आने लग गया था।
राहुल मेरे बूब्स की मसलता हुआ मुझे चोदे जा रहा था। मैं भी राहुल को “ओर जोर से, ओर जोर से चोदो” बोलकर उसके उत्साह को बढ़ा रही थी। उस दिन राहुल ने मुझे अलग अलग पोजिशन में लाकर मेरे साथ बहुत बार चुदाई की थी। राहुल उस दिन मुझे चोदते हुए दो बार झड़ गया था, लेकिन वह भी मेरे जैसी हसीना को चौदने का सौभाग्य नही खोना चाहता था, इसलिए वह कुछ देर के ब्रेक में मुझे बार बार चोदे जा रहा था| उस दिन चुदाई के बाद हम दोनों घर पर चले गये थे। उस दिन के बाद मेने राहुल को फिर से भाव देना बंद कर दिया था। क्योंकि मुझे सेक्स में बोरियत पसंद नही थी। और मैं चाहती थी कि मैं हमेशा अलग अलग लड़को के साथ चुदाई करने का अनुभव लूं। राहुल को भाव ना देने के कारण वह मुझसे काफी गुस्सा हो चुका था। इसलिए उसने मेरी ओर राहुल की चुदाई की खबर स्कूल के सभी लड़कों को बता दी थी। धीरे-धीरे यह खबर मेरे चौहान सर को भी लग गयी थी, जो कि मुझ पर काफी समय पहले से लाइन मारा करते थे। उस दिन के बाद तो चौहान सर क्लास के दौरान मेरे शरीर को घूरने ओर स्पर्श करने का कोई भी बहाना नही छोड़ा करते थे।
