जब भी मैं पढ़ाई करती थी, तो वह मेरे नजदीक आकर मेरे बूब्स को देखा करते थे। एक दिन चौहान सर ने स्कूल खत्म हो जाने के बाद उनके ऑफिस में मुझे अकेले में बुलाया, मुझे समझ ही नही रह था कि चौहान सर ने आखिर मुझे क्यों बुलाया था। मैं स्कूल खत्म हो जाने के बाद चुपचाप चौहान सर के आँफिस में चली गयी थी। पहले तो चौहान सर ने मुझे उपर से नीचे तक देखा ओर फिर हंसते हुए ऑफिस का दरवाज़ा अंदर से बंद कर दिया था। मेने चौहान सर से पूछा कि “ये आप क्या कर रहे है? तभी चौहान सर ने मोबाइल निकालते हुए मुझे मोबाइल में देखने के लिए कहा। कैसे ही मेने मोबाइल में देखा, मैं तो पूरी तरह से हैरान ही रह गयी थी। मोबाइल के अंदर राहुल और मेरी सेक्स करते हुए वीडियो थी। राहुल ने मेरी चुपके से एक वीडियो बना ली थी, जो कि उसने सर को भी दिखा दी थी। सर ने मेरे कंधे को गंदी निगाहों से अपने हाथ से सहलाते हुए कहा कि “अगर तुम चाहती हो कि यह वीडियो तुम्हारे घर तक नही पहुंचे तो मैं तुम्हें जैसा कहूँगा, तुम्हे वैसा ही करना होगा। मैं काफी डर गई थी इसलिए मैं चुपचाप बैठकर बस सुनती ही जा रही थी।
कुछ ही देर बाद सर मेरे कंधे को सहलाते हुए मेरी स्कूल शर्ट के बटन को खोलना शुरू कर दिया था। मेरी आँखों से आंसू निकल रहे थे, लेकिन में कुछ भी नही कर सकती थी। सर बटन को खोलते हुए अपने एक हाथ को मेरे शर्ट में डालकर मेरे बूब्स को मसलना शुरू कर दिया था। कुछ देर बाद उन्होंने मुझे ऊपर से पूरी तरह नँगा कर दिया था और अब मैं बस स्कूल की स्कर्ट में थी। सर मेरे बूब्स को किसी जानवर की तरह मसलते हुए आम की तरह चूसते ही जा रहे थे। मुझे इस दौरान काफी रोना आ रहा था। इसके बाद ही सर ने जल्दी से अपने तने हुए लंड को बाहर निकाला और ज़बरदस्ती उन्होंने अपने लण्ड को मेरे मुंह मे डालते हुए मेरे सर को पकड़कर मुझे अपना लन्ड चुसाने लग गए थे। इस दौरान वो मुझे “ले रंडी तुझे चुदने का बहुत शौक है ना? बोलते हुए मुझे ओर भी दुख पहुंचा रहे थे। करीब 5 मिनट तक चौहान सर ऐसे ही मुझे अपना लंड चुसवाते रहे। इस के बाद उन्होंने मुझे कुर्सी पर ही घुटनों के बल उल्टा घोड़ी बना दिया और फिर मेरी पेंटी को स्कर्ट के नीचे से खींचते हुए उसे मेरे घुटनों तक उतार दिया था।
इसके बाद ही सर ने मेरी कमर को पकड़ा और एक ही झटके में अपने लण्ड को मेरी चुत में उतार दिया था। चौहान सर मुझे किसी मशीन की तरह चोदते ही जा रहे थे और मेरे मुंह से तेज आवाजें निकल रही थी। मैं “आह आह” दर्द से कर्राते हुए चौहान सर से चुदते ही जा रही थी। कुछ देर तक चौहान सर मुझे ऐसे ही चौदते रहे और फिर उन्होंने मुझे जमीन पर एक कपड़े पर लेटा दिया था। चौहान सर का लंड एक बार झड़ जाने के बाद भी काफी कड़क था। उन्होंने मुझे जमीन पर लेटाया ओर मेरी टांगों को उनके कंधे पर रखते हुए मुझे लगातार 15 मिनट तक ऐसे ही बुरी तरह से चोदा था। मैं काफी रो रही थी लेकिन सर मुझे अलग-अलग पोजिशन में बस चौदते ही जा रहे थे। उस दिन के बाद में दूसरे शहर में नानी के यहां चली गयी थी।
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